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Saturday, April 24, 2021

Meethi Chai Namkeen Chai | मीठी चाय नमकीन चाय | कहानी | Story Telling | Man Ki Udaan by Sapna jain


 

#MeethiChaiNamkeenChai #मीठीचायनमकीनचाय #StoryTelling #ManKiUdaanbySapnaJain #Mankiudaan मीठी चाय नमकीन चाय is the Story written by Sapna Jain which was published in the Hindi Magazine "नया". मीठी चाय नमकीन चाय is a story which is depicting the #partial #behaviour of our #patriarchal society between Daughter and Daughter-in-law. Written & Story telling by Sapna Jain Please like, Subscribe and Share. Follow us on Facebook: https://www.facebook.com/ManKiUdaanbySapnaJain/ Youtube: https://www.youtube.com/channel/UCq2e1suLrdTqMCBnCA_V3Rw Instagram: https://www.instagram.com/ManKiUdaanbySapnaJain/ Pinterest https://in.pinterest.com/mankiudaanbysapnajain/ BlogSpot http://sapna-mythoughts.blogspot.com/

कोरोना का ख़ौफ़

कोरोना का ख़ौफ़ फिर से बढ़ रहा है 

एक बार फिर से सम्पूर्ण लॉक डाउन का माहौल बन रहा है 

घर में समय गुज़ारने की प्लानिंग शुरू हो गयी है 

क्या करना है कैसे करना है सब बातें डिस्कस होने लग गयी हैं 

काम वालियों की छुट्टियाँ सोच कर 

महिलाओं का हो गया है बुरा हाल 

ऑफ़िस के कपड़े किनारे रखकर 

पुराने कपड़े का कर रहे हैं ख़याल 

पुरुषों को अपना हुलिया बदलता नज़र आने लग गया है 

हाथ में लैपटॉप की जगह कलछी-बेलन दिखने लग गया है 

बाज़ार बढ़ने लग गयीं हैं जल्दी

नाइट और वीकेंड लॉक डाउन शुरू हो गया है 

ये बात अलग है कि जलेबीसमोसा अभी भी छन रहा है 

पर एक बार फिर से सम्पूर्ण लॉक डाउन का माहौल बन रहा है 

कोरोना का ख़ौफ़ फिर से बढ़ रहा है 


पार्क और क्लब हो गए हैं बंद 

सड़कों पर सन्नाटा बिखर गया है 

बच्चों की ऑनलाइन कलासेज में 

माँ-बाप को होमवर्क मिलना शुरू हो गया है 

दुकानों और दफ़्तरों में जल्दी ताले लटक जा रहे हैं 

मास्क लगाए लोग सरपट दौड़ते नज़र  रहे हैं 

एक बार फिर घर की होने लग गयीं हैं शामें रंगीन 

क्लब और होटेल की रातें अब फिर हो गयीं गमगीन 

घर कब आओगे’ ये पूछना घर वालों का शुरू हो गया है 

कोरोना का ख़ौफ़ फिर से बढ़ रहा है 

एक बार फिर से सम्पूर्ण लॉक डाउन का माहौल बन रहा है 


कुछ भी हो बस मस्त रहिए 

हँसते रहिए और स्वस्थ रहिए 

क्योंकि कोरोना का ख़ौफ़ तो चलता रहेगा 

लेकिन ज़िंदगी का सिलसिला भी यूँ ही चलता रहेगा 


https://anchor.fm/sapna-jain8/episodes/Humour-writing--Written-by-Sapna-Jain-euvg5s



Written by -

Sapna Jain

15th April 2021

Sunday, April 11, 2021

चुड़ैल एक औरत ही क्यों ?

बहुत दिनों से एक बात मेरे मन को खटक रही है - चुड़ैल एक औरत ही क्यों  

कहते हैं कि जब किसी मरने वाले की कोई अधूरी इच्छा रह जाती है तो उसकी आत्मा दूसरा जन्म ना लेकर इसी लोक में भटकती रहती है और किसी ना किसी के शरीर में अपना घर बनाने की कोशिश करती है  यानि कि अगर एक औरत ही चुड़ैल बनती है तो मतलब कितनी औरतों की इच्छाएँ अधूरी रह जाती हैं  या शायद वो इतना प्रताड़ित होती हैं अपने जीते जीकि मरने के बाद शक्तिशाली होकर वो सब करना चाहती हैं जो जीते जी नहीं कर सकीं