Empathy की भावना Develop करें - Zeal Zindagi with Sap
हर किसी को अपनी समस्याएँ बड़ी लगती हैं और दूसरों की छोटी । मगर जिस दिन आप दूसरों की समस्याओं को बड़ी समझने लगोगेतो अपनी समस्या ख़ुद-बख़ुद छोटी लगने लगेगी
दोस्तों, मैं हूँ सपना जैन । zeal zindagi with sap के ज़रिए मैं आप सभी के साथ जुड़ती हूँ और कुछ ऐसे हल्के-फुलके नज़रिए केबारे में डिस्कस करती हूँ जो सुनने में तो बड़े नार्मल से लगते हैं लेकिन अगर आप उन्हें असल ज़िंदगी में उतारोगे तो आपको वो बहुतइफ़ेक्टिव नज़र आयेंगे ।
अक्सर हमारी फ़ितरत में होता है कि हम अपनी प्रोब्लम को सर पर चढ़ा लेते हैं और हर दूसरा इंसान हमें सुखी लगता है । असल में येसिर्फ़ स्टेट ऑफ़ माइंड है ।
बिना किसी की ज़िंदगी को ठीक से जाने हुए आप कैसे किसी की समस्या को कमतर आंक सकते हो । अब इसका मतलब ये क़तई नहींहै कि आपको हर किसी की ज़िंदगी में झांकने की ज़रूरत है । असल में ज़रूरत बस इतनी है कि हर दूसरे इंसान की समस्या को भीउतना ही बड़ा समझना जितना हमने अपनी समस्या को बना रखा है । और हाँ कभी कभी तो सिर्फ़ समस्या को ही बड़ा नहीं बनाया हैबल्कि नार्मल सी बात को समस्या बना रखा है । अगर आप ध्यान से अपनी समस्या का विश्लेषण करोगे तो आपको पता चलेगा किकाफ़ी समस्या जो दिख रही हैं वो वाक़ई समस्या हैं ही नहीं , बल्कि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनको समस्या समझे बग़ैर भी सही किया जासकता है । तो जब ऐसा हो सकता है तो क्यों ना सबके सामने समस्या को गाये बग़ैर अपनी समस्या सिर्फ़ अपने साथ बैठकर सोचीजाये कि कहीं ऐसा तो नहीं कि ये समस्या कोई बड़ी परेशानी ना होकर सिर्फ़ दिमाग़ की एक उपज है । और अगर अपने दिमाग़ की इसउपज को अपने दिमाग़ से उखाड़ फेंके तो वो समस्या के रूप में पनप ही नहीं पाएगा ।
कई बार तो हम सिर्फ़ अपने को बेचारा बनाने के चक्कर में अपने को फ़ालतू की समस्याओं में घेर लेते हैं । अनजाने में ये हम ग़लत करतेहैं । बजाय अपनी परेशानियों के दूसरों की समस्याओं पर गौर करें तो आप अपने आपको बहुत ही सुखी कंडीशन में पाओगे । लेकिनइसके लिए पहले दूसरों के साथ परानुभूति की भावना डेवलप करनी पड़ेगी तभी आप उनकी समस्याएँ समझ पाओगे ।
मेरा ये पॉडकास्ट zeal zindagi with sap को सुनकर अगर आपके अंदर भी empathy की भावना जन्म लेने लगे तो मेरा मक़सदइस पॉडकास्ट को करने का पूरा हो जाये ।
नमस्कार
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