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सफ़र का आनंद लें - Zeal Zindagi with Sap
Epi-10
मंज़िल पाने के चक्कर में हम अक्सर सफ़र का आनंद लेना भूल जाते हैं, फिर चाहे वो रोड ट्रिप हो या ज़िंदगी का सफ़र ।
दोस्तों, मैं हूँ सपना जैन… zeal zindagi with sap के ज़रिए मैं ज़िंदगी के सफ़र को ख़ुशनुमा बनाने की कोशिश करती हूँ ।
अपने इस पॉडकास्ट में मैं आपसे अपने सफ़र अपनी journey को इंजॉय करने के लिए प्रेरित करूँगी फिर चाहे वो आपकी कहीं घूमनेकी यात्रा हो या फिर ज़िंदगी की यात्रा ।
हम जब कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं तो सारी प्लानिंग करके अपने गंतव्य तक पहुँचते हैं और फिर वहाँ इंजॉय करते हैं । लेकिन क्याआपने कभी सोचा है कि आपका एंजॉयमेंट गंतव्य तक मात्र पहुँचकर ही नहीं होता है बल्कि आपने जैसे ही अपनी यात्रा शुरू की, एंजॉयमेंट वहीं से शुरू हो जाता है । ठीक ऐसे ही ज़िंदगी है । जो चलती जा रही है … एक सफ़र की तरह । हमें बस उस सफ़र कोइंजॉय करना है ।
किसकी क्या मंज़िल है वो कुछ डिसाइडेड नहीं है । हमने ख़ुद से अपनी मंज़िल तय की है और टारगेट लेकर चलें हैं की वहाँ तक पहुँचनाहै । लेकिन ज़िंदगी का असली मक़सद सिर्फ़ मंज़िल तक पहुँचना ही नहीं होना चाहिए बल्कि हर रास्ते को, मोड़ को जीते चलना हैक्योंकि वो वक़्त और वो नज़ारा दोबारा देखने को नहीं मिलेगा ।
ज़िंदगी एक सफ़र ही तो है । बस यात्रा में तो फिर भी वापस आना या दोबारा वहाँ जाना पॉसिबल है लेकिन ज़िंदगी के सफ़र में जो रास्तेएक बार निकल गए वहाँ दोबारा जाना मुश्किल ही नहीं असंभव है । बस यही डिफ़रेंस है इस दुनिया की यात्रा में और ज़िंदगी की यात्रा में।
इसीलिए हर लम्हा, हर दिन, हर पल, हर क्षण जो निकल रहा है वो वापस नहीं आयेगा । फिर क्यों बेकार की बातों और चीज़ों मेंउलझना । क्यों ना ज़िंदगी के इस खूबसूरत सफ़र को ख़ुशनुमा बनाकर अपनी ज़िंदगी के इस सफ़र का आनंद लिया जाये । मंज़िल पानेकी हड़बड़ी क्यों । और वैसे भी जिसे हम मंज़िल समझते हैं वो भी तो एक पड़ाव ही है जहाँ कुछ पल ठहर कर दूसरे सफ़र पर चल देंगे ।एक दूसरी ज़िंदगी के सफ़र पर ।
⁃ सपना जैन @MankiUdaanbySapnaJain