उनकी याद आज भी सताती है मुझे
छोटे में खुश हो जाने की उनकी आदत
आज भी लुभाती है मुझे
उनको गए हो गए कई साल
पर उनकी याद आज भी सताती है मुझे
अक्सर करती हैं बेचैन रातें
जब भी आता है सामने उनका चेहरा
उठ कर बैठ सिसकियाँ लेती हूँ
नियंत्रित नहीं होता कोई भी मोहरा
उनकी हमेशा हँसने की आदत
आंसू दे जाती है मुझे
उनको गए हो गए कई साल
पर उनकी याद आज भी सताती है मुझे
उनकी कुछ सीखें ज़िंदगी जीने का तरीक़ा हैं बताती
हिम्मत से आगे बढ़कर ख़ुद ही चलना सिखाती
वो मासूमियत से उनका कहना कि
“मुझमें क्या है, मैं तो एक आम सी महिला हूँ”
सादगी की मिसाल है दिखाती
मेरी छोटी सी जीत पर खुश हो उछलने की उनकी आदत
आज भी रुलाती है मुझे
उनको गए हो गए कई साल
पर उनकी याद आज भी सताती है मुझे
पर उनकी याद आज भी सताती है मुझे
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