Writer & Entrepreneur

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DREAM CREATION

Thursday, April 25, 2024

अपने को देखकर बर्ताव करिए


 


आपका जो व्यवहार है ना दूसरों के लिए, वो अपकी पर्सनालिटी को ही दिखाता है । 

इसीलिए जब भी किसी के साथ आप बात करिए या मिलिए तो सामने वाले को देखकर नहीं, अपने को देखकर बर्ताव करिए क्योंकि सामने वाला कैसा भी हो, आप तो वैसे ही हैं ना । 

- सपना जैन 

@mankiudaanbysapnajain 


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Tuesday, April 23, 2024

World Book & Copyright Day

 



“Book is your true friend” 

आज World Book and Copyright day के दिन मैं आप सबसे कहना चाहती हूँ कि किताबों को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाइए और हाँ Copyright को पूरा रिस्पेक्ट दीजिए क्योंकि एक लेखक सिर्फ़ पेन ही नहीं चलाता है बल्कि अपनी आत्मा निचोड़ कर रख देता है अपनी कृति में । 


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Sunday, April 21, 2024

मेरे हिस्से का सुकून - Poetry by Sapna Jain


 

एक कप चाय की प्याली 

लिए हाथ में 

खिड़की पर टाँगे हुए चेहरा 

कहीं दूर सपनों को देते हुए आकार 

ये है मेरा शांति भरा जुनून 

यही है मेरे “हिस्से का सुकून


लोगों की भीड़ में भी ख़ुद की तलाश 

अपने ही अंदर रोशनी की एक आस 

कहीं दूर टिमटिमाते तारे में 

पनपता है मेरी ख़ुशी का भ्रूण 

ये है मेरे “हिस्से का सुकून

यही है मेरे “हिस्से का सुकून


चंद पल सिर्फ़ अपने साथ चली 

कहीं दूर किसी ऊँचाई पर चढ़ी 

टेढ़े-मेढ़े रास्ते में ढूँढा है मैंने 

अपने जज़्बों का जुनून 

ये है मेरे “हिस्से का सुकून” 

यही है मेरे “हिस्से का सुकून


गहरे झील के पानी में गोते खाती 

मंज़िल की तलाश में सफ़र की लिए भूख 

डूबती-उतराती पर फिर भी चलायमान 

रहती है मेरी ये रूह 

ये है मेरे “हिस्से का सुकून” 

यही है मेरे “हिस्से का सुकून


- सपना जैन 







Thursday, April 18, 2024

सबकी अपने हिस्से की ज़िंदगी है - Zeal Zindagi with Sap



सबकी अपने-अपने हिस्से की ज़िंदगी है  दूसरे के हिस्से की ज़िंदगी देखकर ख़ुद को कम क्यों आंकना 

दोस्तों मैं हूँ सपना जैन. Zeal zindagi with Sap के ज़रिये मैं हमेशा ये कोशिश करती हूँ कि आप जहाँ भी हैं जैसे भी हैं - ज़िंदादिलीसे जियें … घुटकर नहीं  

अपने इस पॉडकास्ट “सबकी अपने हिस्से की ज़िंदगी है” इसके माध्यम से मैं हर इंसान की ज़िंदगी अच्छी है उसके बारे में बात करूँगीऔर मेरा ये पॉस्कास्ट सुनकर अगर आपको भी अपनी ज़िंदगी से प्यार हो जायेअपने आपसे प्यार हो जाये तो मेरा मक़सद इसपॉडकास्ट को करने का पूरा हो जाये   


हम अक्सर अपनी ज़िंदगी को नॉर्मल मानकर उसे इगनोर करते रहते हैं और उसको एक ख़ास अहमियत नहीं देते  इसके साथ ही अपनीज़िंदगी के साथ एक और बुरा काम करते हैं … दूसरों की ज़िंदगी को अहमियत देकर अपनी ज़िंदगी को लताड़ते रहते हैं  

आप ख़ुद सोचिए कि आपके पास कोई ऐसा इंसान है जो आपको हमेशा कुछ देने की और आपको खुश रखने की कोशिश करता हैलेकिन आप हैं कि कभी उसके किए पर खुश ही नहीं होते बल्कि उसको ये सुनाते रहते हैं कि उस आदमी को देखो इसको देखो वगौरहवग़ैरह  अब आप ही बताइए वो इंसान आपके लिए कब तक करता रहेगा  या तो आपको वो छोड़कर चला जायेगा या फिर अनमनेढंग से आपके साथ रहेगा  

अब ठीक इसके विपरीत सोचिए कि आप उस इंसान के द्वारा किए गए हर काम की सराहना करते हैंउसे तवज्जो देते हैं उसकी तारीफ़करते हैं तो वो इंसान आपके लिए हर काम दोगुनी ख़ुशी से करेगा  

बस यही ज़िंदगी के साथ है  हमारी ज़िंदगी हमें हर वो चीज़ देने की कोशिश करती है जो हमें खुश रखेगा - गलती तो हमारी है कि हमअपनी ज़िंदगी से इच्छायें ही कुछ ज़्यादा पाल लेते हैं और फिर उसे कोसते रहते हैं जो बिलकुल ग़लत है  

जिस दिन से हम ज़िंदगी में क्या नहीं मिला उसको सोचने के बजाय ये सोचने लग जाएँगे कि ज़िंदगी में क्या मिला उसी दिन से हमज़िंदगी को सराहने लगेंगे  देखिए सबकी अपने हिस्से के ज़िंदगी हैहम उसी को इंजॉय करें ना  नाकी दूसरों की ज़िंदगी में क्या है उसेसोचकर अपनी ज़िंदगी ख़राब करें  

अब सूरज अगर ये सोचने लगे कि चाँद इतना शीतल क्यों है , मैं क्यों शीतल नहीं हूँ  और चाँद सोचे कि वाह सूरज के तो मज़े हैं , हमेशा सोने जैसा चमकता रहता है और अपने तेज से सबको डराता रहता है  (हंसीसोचिए फिर कैसे काम चलेगा?

सबकी अपनी ज़िंदगी है और उसे उसी के हिसाब से जीनी है  हाँ अपनी ही ज़िंदगी को हमेशा बेहतर बनाने का प्रयास नहीं छोड़ना है लेकिन अपने हिस्से की ज़िंदगी को जीते हुए  

नमस्कार