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Thursday, April 18, 2024

सबकी अपने हिस्से की ज़िंदगी है - Zeal Zindagi with Sap



सबकी अपने-अपने हिस्से की ज़िंदगी है  दूसरे के हिस्से की ज़िंदगी देखकर ख़ुद को कम क्यों आंकना 

दोस्तों मैं हूँ सपना जैन. Zeal zindagi with Sap के ज़रिये मैं हमेशा ये कोशिश करती हूँ कि आप जहाँ भी हैं जैसे भी हैं - ज़िंदादिलीसे जियें … घुटकर नहीं  

अपने इस पॉडकास्ट “सबकी अपने हिस्से की ज़िंदगी है” इसके माध्यम से मैं हर इंसान की ज़िंदगी अच्छी है उसके बारे में बात करूँगीऔर मेरा ये पॉस्कास्ट सुनकर अगर आपको भी अपनी ज़िंदगी से प्यार हो जायेअपने आपसे प्यार हो जाये तो मेरा मक़सद इसपॉडकास्ट को करने का पूरा हो जाये   


हम अक्सर अपनी ज़िंदगी को नॉर्मल मानकर उसे इगनोर करते रहते हैं और उसको एक ख़ास अहमियत नहीं देते  इसके साथ ही अपनीज़िंदगी के साथ एक और बुरा काम करते हैं … दूसरों की ज़िंदगी को अहमियत देकर अपनी ज़िंदगी को लताड़ते रहते हैं  

आप ख़ुद सोचिए कि आपके पास कोई ऐसा इंसान है जो आपको हमेशा कुछ देने की और आपको खुश रखने की कोशिश करता हैलेकिन आप हैं कि कभी उसके किए पर खुश ही नहीं होते बल्कि उसको ये सुनाते रहते हैं कि उस आदमी को देखो इसको देखो वगौरहवग़ैरह  अब आप ही बताइए वो इंसान आपके लिए कब तक करता रहेगा  या तो आपको वो छोड़कर चला जायेगा या फिर अनमनेढंग से आपके साथ रहेगा  

अब ठीक इसके विपरीत सोचिए कि आप उस इंसान के द्वारा किए गए हर काम की सराहना करते हैंउसे तवज्जो देते हैं उसकी तारीफ़करते हैं तो वो इंसान आपके लिए हर काम दोगुनी ख़ुशी से करेगा  

बस यही ज़िंदगी के साथ है  हमारी ज़िंदगी हमें हर वो चीज़ देने की कोशिश करती है जो हमें खुश रखेगा - गलती तो हमारी है कि हमअपनी ज़िंदगी से इच्छायें ही कुछ ज़्यादा पाल लेते हैं और फिर उसे कोसते रहते हैं जो बिलकुल ग़लत है  

जिस दिन से हम ज़िंदगी में क्या नहीं मिला उसको सोचने के बजाय ये सोचने लग जाएँगे कि ज़िंदगी में क्या मिला उसी दिन से हमज़िंदगी को सराहने लगेंगे  देखिए सबकी अपने हिस्से के ज़िंदगी हैहम उसी को इंजॉय करें ना  नाकी दूसरों की ज़िंदगी में क्या है उसेसोचकर अपनी ज़िंदगी ख़राब करें  

अब सूरज अगर ये सोचने लगे कि चाँद इतना शीतल क्यों है , मैं क्यों शीतल नहीं हूँ  और चाँद सोचे कि वाह सूरज के तो मज़े हैं , हमेशा सोने जैसा चमकता रहता है और अपने तेज से सबको डराता रहता है  (हंसीसोचिए फिर कैसे काम चलेगा?

सबकी अपनी ज़िंदगी है और उसे उसी के हिसाब से जीनी है  हाँ अपनी ही ज़िंदगी को हमेशा बेहतर बनाने का प्रयास नहीं छोड़ना है लेकिन अपने हिस्से की ज़िंदगी को जीते हुए  

नमस्कार 

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