वैसे ही निकलता है चाँद रात में
और दिन को उजाला देता है सूरज
वैसे ही चहकती हैं चिड़ियाँ भोर में
और टिमटिमाते हैं तारे रात में
पर नहीं होती वैसी रातें और वो दिन
क्योंकि कुछ अधूरापन सा है तुम बिन ||
वो तुम्हारा प्यार से थपकी देकर सुलाना
और प्यार भरी नज़रों से सुबह जगाना
मेरा बेवजह रूठना और तुम्हारा बातों बातों में मनाना
तुम्हारा ज़िंदगी में यूं आना और हर बार हार जाना
पीछा करता है मेरा पूरे दिन
क्योंकि कुछ अधूरापन सा है तुम बिन ||
तुम्हारा हर वो एहसास और तुम्हारी हर धड़कन
मेरे थोड़ा भी दूर होने पर तुम्हारी वो तड़पन
तुम्हारा प्यार, तुम्हारा साथ
तुम्हारे जज्बात और तुम्हारी हर बात
बातें करते हैं मुझसे पूरा दिन
क्योंकि कुछ अधूरापन सा है तुम बिन ||
और दिन को उजाला देता है सूरज
वैसे ही चहकती हैं चिड़ियाँ भोर में
और टिमटिमाते हैं तारे रात में
पर नहीं होती वैसी रातें और वो दिन
क्योंकि कुछ अधूरापन सा है तुम बिन ||
वो तुम्हारा प्यार से थपकी देकर सुलाना
और प्यार भरी नज़रों से सुबह जगाना
मेरा बेवजह रूठना और तुम्हारा बातों बातों में मनाना
तुम्हारा ज़िंदगी में यूं आना और हर बार हार जाना
पीछा करता है मेरा पूरे दिन
क्योंकि कुछ अधूरापन सा है तुम बिन ||
तुम्हारा हर वो एहसास और तुम्हारी हर धड़कन
मेरे थोड़ा भी दूर होने पर तुम्हारी वो तड़पन
तुम्हारा प्यार, तुम्हारा साथ
तुम्हारे जज्बात और तुम्हारी हर बात
बातें करते हैं मुझसे पूरा दिन
क्योंकि कुछ अधूरापन सा है तुम बिन ||
बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति आभार क्या हैदराबाद आतंकी हमला भारत की पक्षपात भरी नीति का परिणाम है ?नहीं ये ईर्ष्या की कार्यवाही . आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
ReplyDeletethank u shalini ji
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