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DREAM CREATION

Sunday, May 12, 2013

जैसी हूँ मै आज

 जैसी हूँ मैं आज 

कुछ  आती हैं यादें बचपन की 
कुछ दिखती हैं धुंधली सी तस्वीरें 
वो आपका हर पल साथ देना 
हर मुश्किलें कदम पर साथ खड़े रहना 
मेरी हर गलती को टालना, मेरी हर इच्छा को अपनाना 
बस थोड़ा सा हँसकर मेरी हर ख्वाहिश पूरी करना 

याद है मुझे वो खेल में हराना ताकि मै दुनिया से जीत सकूँ 
वो रात में मुझे डराना ताकि मै डर को भगा सकूँ 
वो सब तब लगता था क्यों करते हो आप 
पर आज समझी उसका मतलब 
मुझे ज़िंदगी के लिए तैयार करते थे आप 

आज भी याद है वो बेड पर तकियों से लड़ना 
और मेरे हार जाने वा मुँह फुला लेने पर आपका वो कहना 
"तुम्हें अपने अंदर कोई कमजोरी नहीं रखनी है "

खेल की टीम में आपके होने पर मेरी उस निश्चिन्तता को भगाना 
कि आप हैं तो मै जीतूंगी ही...पर आपका वो कहना 
"यहाँ हम सिर्फ प्रतिस्पर्धी हैं"

तब लगता था ये क्यूँ कहते हो आप !!!
पर आज समझ आया कि मुझे ज़िंदगी के लिए तैयार करते थे आप 

आज जब ज़िंदगी के साथ रूबरू होती हूँ
और ज़िंदगी के हर पल को जीतती हुई चलती हूँ 
तब आती है याद कि आपने मुझे तैयार किया है ये दुनिया जीतने के लिए 
और बिल्कुल वैसे जैसी हूँ मैं आज ||


These are the deep heart feelings for my caring and loving brother... he is the best brother in this world.
i love him a lot.

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